Saturday, June 1, 2013

BINA MANYATA WALE SCHOOLS KO MILEGA EK OR CHANCE

बंद होने वालों की सूची में शामिल हो चुके निजी स्कूलों को मान्यता का एक मौका और दिया गया है। मान्यता उसी निजी स्कूल को मिलेगा जो 31 मार्च 2013 से पहले शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने महकमे के अधिकारियों को ऐसे स्कूलों की सूची शीघ्र भेजने का आदेश जारी किया। स्कूल संचालकों को इस फैसले से थोड़ी राहत मिलेगी।1बिना मान्यता के चल रहे 1372 निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश 16 मई को जारी किया गया। बीईओ को इन स्कूलों में शिक्षा हासिल कर
रहे बच्चों को निकटवर्ती सरकारी स्कूल में एक माह में दाखिला कराने की हिदायत दी। प्रदेश भर में स्कूलों की सूची प्रकाशित होने के बाद संचालकों ने निदेशालय के इस फैसले का विरोध करने का मन बनाया। स्कूल संचालकों ने निदेशालय को सूचित किया कि वे मार्च 2013 से पहले विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उनके स्कूल का नाम इस सूची में प्रकाशित कर दिया गया। स्कूल संचालकों की शिकायत पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने (7/35 -2012 पीएस (2)) एक पत्र जारी किया है। 1पत्र के मुताबिक विभिन्न जिलों से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय ने अमान्यता प्राप्त विद्यालयों को पब्लिक नोटिस दिया। 1बंद की सूची में शामिल जिन निजी स्कूल संचालकों ने आरटीई अधिनियम के तहत 31 मार्च 2013 से पहले स्व घोषणा व आवेदन पत्र ऑनलाइन तथा शिक्षा विभाग के कार्यालय में जमा करा चुके हैं, ऐसे विद्यालयों का नाम मुख्यालय भेजा गया। 1महकमे के अधिकारियों को अब ऐसे विद्यालयों की सूची अनुरोध पत्र के साथ 4 जून तक विशेष वाहक के माध्यम से अनिवार्य रूप से भिजवाने की हिदायत दी गई है।1हाई कोर्ट में सौंपी जाएगी रिपोर्ट 1विभिन्न जिलों से भेजी गई ऐसे स्कूलों की सूची हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। पत्र में कहा गया है कि निजी विद्यालयों का स्टेटस ठीक करने के लिए निर्धारित अवधि में उन्हें सूचित नहीं किया तो इसके लिए जिलो में पदस्थ शिक्षा महकमे के अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेवार होंगे। उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।अरविंद झा, पानीपत 1बंद होने वालों की सूची में शामिल हो चुके निजी स्कूलों को मान्यता का एक मौका और दिया गया है। मान्यता उसी निजी स्कूल को मिलेगा जो 31 मार्च 2013 से पहले शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने महकमे के अधिकारियों को ऐसे स्कूलों की सूची शीघ्र भेजने का आदेश जारी किया। स्कूल संचालकों को इस फैसले से थोड़ी राहत मिलेगी।1बिना मान्यता के चल रहे 1372 निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश 16 मई को जारी किया गया। बीईओ को इन स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे बच्चों को निकटवर्ती सरकारी स्कूल में एक माह में दाखिला कराने की हिदायत दी। प्रदेश भर में स्कूलों की सूची प्रकाशित होने के बाद संचालकों ने निदेशालय के इस फैसले का विरोध करने का मन बनाया। स्कूल संचालकों ने निदेशालय को सूचित किया कि वे मार्च 2013 से पहले विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उनके स्कूल का नाम इस सूची में प्रकाशित कर दिया गया। स्कूल संचालकों की शिकायत पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने (7/35 -2012 पीएस (2)) एक पत्र जारी किया है। 1पत्र के मुताबिक विभिन्न जिलों से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय ने अमान्यता प्राप्त विद्यालयों को पब्लिक नोटिस दिया। 1बंद की सूची में शामिल जिन निजी स्कूल संचालकों ने आरटीई अधिनियम के तहत 31 मार्च 2013 से पहले स्व घोषणा व आवेदन पत्र ऑनलाइन तथा शिक्षा विभाग के कार्यालय में जमा करा चुके हैं, ऐसे विद्यालयों का नाम मुख्यालय भेजा गया। 1महकमे के अधिकारियों को अब ऐसे विद्यालयों की सूची अनुरोध पत्र के साथ 4 जून तक विशेष वाहक के माध्यम से अनिवार्य रूप से भिजवाने की हिदायत दी गई है।1हाई कोर्ट में सौंपी जाएगी रिपोर्ट 1विभिन्न जिलों से भेजी गई ऐसे स्कूलों की सूची हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। पत्र में कहा गया है कि निजी विद्यालयों का स्टेटस ठीक करने के लिए निर्धारित अवधि में उन्हें सूचित नहीं किया तो इसके लिए जिलो में पदस्थ शिक्षा महकमे के अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेवार होंगे। उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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