Saturday, June 1, 2013

ABSENT RAHENE WALE STUDENTS KO PASS KARNA GALAT

स्कूली पढ़ाई में बिना परीक्षा के ही छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति के मामले पर उठ रहे सवालों के बीच यह राय बनने लगी है कि कम से कम इसका फायदा उन्हीं छात्रों को मिले, जो अपनी पढ़ाई नियमित करते हैं। 1देश में शिक्षा की नीतिगत मामलों की सबसे बड़ी संस्था केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की उपसमिति में यही राय उभरी है। उत्तर प्रदेश व बिहार समेत कई राज्य इस प्रणाली पर सवाल खड़े करते रहे हैं। संसदीय समिति ने सरकार के इस फैसले पर एतराज जताया था। यह प्रणाली सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में ही लागू है।
केब की उपसमिति की बैठक में अधिकतर सदस्यों ने सतत व व्यापक मूल्यांकन प्रणाली को सही बताते हुए कक्षाओं में गैरहाजिर रहने वाले छात्रों की प्रोन्नति को सही नहीं बताया। 12012 में गठित उपसमिति की अध्यक्ष हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल हैं। बैठक में छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक और राजस्थान के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में बताया गया कि इस मसले पर 15 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी राय दे दी है। सीसीए से बच्चों की शिक्षा के स्तर में कमी का पता लगने पर सुधार के उपाय किए जा सकते हैं, लेकिन नो डिटेंशन के बारे में आशंका है कि अगर बच्चों को फेल होने का डर नहीं होगा, तो वे पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं लेंगे। 1बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि सतत व्यापक मूल्यांकन प्रणाली का कोई विरोध नहीं है, लेकिन शिक्षकों की कमी इसमें रुकावट है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए और डाइट तथा बीएड में सीसीए को शामिल किया जाना चाहिए। 1उत्तर प्रदेश के शिक्षा सचिव सुनील कुमार ने शिक्षकों की कमी दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीसीए के लिए शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।जागरण ब्यूरो, नई दिल्लीं : स्कूली पढ़ाई में बिना परीक्षा के ही छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति के मामले पर उठ रहे सवालों के बीच यह राय बनने लगी है कि कम से कम इसका फायदा उन्हीं छात्रों को मिले, जो अपनी पढ़ाई नियमित करते हैं। 1देश में शिक्षा की नीतिगत मामलों की सबसे बड़ी संस्था केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की उपसमिति में यही राय उभरी है। उत्तर प्रदेश व बिहार समेत कई राज्य इस प्रणाली पर सवाल खड़े करते रहे हैं। संसदीय समिति ने सरकार के इस फैसले पर एतराज जताया था। यह प्रणाली सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में ही लागू है। केब की उपसमिति की बैठक में अधिकतर सदस्यों ने सतत व व्यापक मूल्यांकन प्रणाली को सही बताते हुए कक्षाओं में गैरहाजिर रहने वाले छात्रों की प्रोन्नति को सही नहीं बताया। 12012 में गठित उपसमिति की अध्यक्ष हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल हैं। बैठक में छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक और राजस्थान के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में बताया गया कि इस मसले पर 15 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी राय दे दी है। सीसीए से बच्चों की शिक्षा के स्तर में कमी का पता लगने पर सुधार के उपाय किए जा सकते हैं, लेकिन नो डिटेंशन के बारे में आशंका है कि अगर बच्चों को फेल होने का डर नहीं होगा, तो वे पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं लेंगे। 1बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि सतत व्यापक मूल्यांकन प्रणाली का कोई विरोध नहीं है, लेकिन शिक्षकों की कमी इसमें रुकावट है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए और डाइट तथा बीएड में सीसीए को शामिल किया जाना चाहिए। 1उत्तर प्रदेश के शिक्षा सचिव सुनील कुमार ने शिक्षकों की कमी दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीसीए के लिए शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। विभिन्न राज्य स्कूलों में कंटीन्युअस एंड कॉम्प्रिहेंसिव इवेल्युएशन (सीसीई) के पक्षधर हैं लेकिन हर छात्र को अगली कक्षा में पदोन्नत करने के खिलाफ हैं। यह मुद्दा शुक्रवार को यहां हुई केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड उप-समिति की बैठक में उठाया गया। बैठक की अध्यक्षता कर रहीं शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने भी कहा कि सीसीई तो सही है लेकिन कक्षा से गैरहाजिर रहने वाले बच्चों को पास करना सही नहीं है। भुक्कल ने कहा कि
सीसीई से बच्चों की शिक्षा का सही स्तर पता चलता है जिससे उसे सुधारने के उपाय किए जा सकते हैं।

No comments:

Post a Comment