Wednesday, May 22, 2013

JALD SUMMER HOLIDAYS DECLARE NA HONE KA KARAN RTI

गर्मी शिखर पर है। पारा 46 डिग्री पार का चुका है। लेकिन स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों होने में अभी एक सप्ताह से भी अधिक समय बचा है। गर्मी की अधिकता से बच्चे परेशान हैं। अभिभावकों के विभाग के पास छुट्टियां घोषित करने के लिए हर रोज फोन आ रहे हैं, लेकिन इन छुट्टियों में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) रोड़ा बन कर खड़ा हो गया है। स्कूलों में लेक्चर शॉर्ट होने के डर से अधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम वर्ष 2009 में लागू हुआ था। इस अधिनियम में स्पष्ट किया गया है कि प्राइमरी और अपर प्राइमरी वर्ग की कक्षाओं के लिए वर्ष भर के दौरान क्रमश 200 और 220 दिन की उपस्थिति
अनिवार्य है। इसलिए विभाग ने गत वर्ष आदेश जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए थे कि बिना विभागीय अनुमति से किसी भी प्रकार की छुट्टी न की जाए। इससे पहले संबंधित उपायुक्त के आदेशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर छुट्टियां करने के लिए अधिकृत थे, लेकिन नए आदेशों के बाद इस निर्णय को वापस ले लिया गया। प्राइमरी कक्षाओं में हो सकता है अवकाश विभागीय तर्क को माने तो भी प्राइमरी स्तर के स्कूलों में अवकाश घोषित किया जा सकता है। अगर विभाग एक सप्ताह पहले भी इन स्कूलों में छुट्टियां घोषित करता है तो भी आरटीई में निर्धारित नॉम्र्स को पूरा किया जा सकता है। प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव सुनील बास का कहना है कि गर्मी की अधिकता के कारण अगर बच्चों के साथ कुछ अनहोनी हो जाती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। इसलिए छुट्टियां करते हुए कम से कम छोटे बच्चों को राहत दी जाए। आला अधिकारियों को कराया अवगत इस बारे में जब जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह सहरावत से बात की गई तो उनका कहना था कि आरटीई के तहत पूरा शैक्षणिक शेड्यूल निर्धारित किया गया है। ऐसे में अगर छुट्टियां की जाती है तो निर्धारित नॉम्र्स के अनुसार पीरियड पूरे नहीं होंगे। वैसे अभिभावकों की परेशानी को देखते हुए विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उनके आदेशों के बाद ही कार्रवाई होगी।

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