Wednesday, May 29, 2013

KON KON SE KAAM KAREN D.ED INTERNS

शिक्षा विभाग के एक आदेश ने प्रशिक्षु शिक्षकों को दुविधा में डाल दिया है। वे ग्रीष्म अवकाश के दौरान नैतिक शिक्षा के अलावा सर्वे भी करेगे। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। विभाग के आदेश के खिलाफ प्रशिक्षु शिक्षक बुधवार को बीईओ सदानंद वत्स से मिले। बीईओ ने कहा कि उनका माग पत्र उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाएगा। फिलहाल कोई समाधान नहीं निकला है। माग पत्र में प्रशिक्षु शिक्षक निशा, नेहा,
सीमा, रीतू, कंचन, दिव्या रानी, दीपिका, अनीता, रेखा, प्रियंका, यश, जगदीश, तरुण व रामनिवास ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों में उनकी ड्यूटी सर्वे में लगाई गई है। इस दौरान उन्हे घर घर जाकर पता करना होगा कि घर में कितने सदस्य है, कितने बच्चे है। कितने स्कूल जाते है और कितने नहीं। इसके लिए उन्हे घर-घर भटकना पड़ेगा। वहीं शाम को साढ़े चार बजे से साढ़े छह बजे तक नैतिक शिक्षा की कक्षाएं लगानी होंगी। ये दोनों ही कार्य काफी कठिन हैं, जबकि उन्हे कोई मेहनताना भी नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि ये आदेश सिर्फ फतेहाबाद में दिए गए है। प्रदेश में ऐसे आदेश किसी जिले में नहीं दिए गए। कई प्रशिक्षुओं को इसके लिए शहर छोड़कर गाव जाना पड़ेगा। वहा से फिर शाम को नैतिक शिक्षा की कक्षा लगाने के लिए दौड़ना पड़ेगा। उनका कहना है कि उन्हे बेवजह परेशान किया जा रहा है। गर्मियों में लोग दोपहर को घरों में सो रहे होते है। उस समय उन्हे गलियों में भटकना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के इन आदेशों का वे विरोध करेंगे। कहा कि विभाग प्रशिक्षण के नाम पर उनसे मुफ्त में काम करवाया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि आदेश अगर शिक्षकों को दिए होते तो अब तक प्रदर्शन शुरू हो जाते। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे एसएफआइ के सहयोग से इस आदेश को विरोध करेगे। बुधवार को विभाग के अधिकाश अधिकारी विभागीय कार्य से बाहर गए हुए थे। इसके चलते उन्होंने बीइओ को मात्र पत्र सौंपा है।

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