हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बैनर तले जिले के सैकड़ों अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम अपना मांग पत्र देकर जल्द से जल्द अध्यापक संघ की सभी मांगों को पूरा करने की मांग की।
शुक्रवार को हरियाणा अध्यापक संघ के बैनर तले जिले के अध्यापक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। वहां उन्होंने संगठन सचिव बलबीर सिंह, ऑडिटर बलजीत सिंह, राज्य उप प्रधान महताब सिंह के नेतृत्व
में वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव का पुतला फूंका। इस दौरान संघ के नेताओं ने कहा कि जब तब उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, सभी जिलों में पुतला दहन किया जाएगा। जिला प्रधान रविंद्र कुंडू व जिला सचिव संजीव मोर ने कहा कि अप्रैल 2012 में घोषित नए सेवा नियम वापस लिया जाना चाहिए। प्रति वर्ष शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही विद्यार्थियों को पुस्तक उपलब्ध करवाई जाए। वार्षिक कैलेंडर समय पर जारी हो। सभी प्रकार की शक्तियों को विकेंद्रीयकरण किया जाए। स्कूल का समय आठ से दो बजे तथा सर्दियों में नौ से तीन बजे तक किया जाना चाहिए। ग्रीष्मावकाश की अवधि 42 दिन रखी जाए। सभी विद्यालयों में मुखिया के पदों पर पदोन्नति शीघ्र की जाए। नई रेशनालाइजेशन नीति को वापस लिया जाए। अध्यापकों से गैर शिक्षण कार्य न करवाया जाए। सभी शहरों व कस्बों की नई बस्तियों में सरकारी विद्यालय खोले जाएं। शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी अध्यापकों व कर्मचारियों के वेतनमान व भत्ते केंद्र के कर्मचारियों की तर्ज पर दिए जाएं। साथ ही डीएड के छात्रों की इंटर्नशिप रद की जाए
में वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव का पुतला फूंका। इस दौरान संघ के नेताओं ने कहा कि जब तब उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, सभी जिलों में पुतला दहन किया जाएगा। जिला प्रधान रविंद्र कुंडू व जिला सचिव संजीव मोर ने कहा कि अप्रैल 2012 में घोषित नए सेवा नियम वापस लिया जाना चाहिए। प्रति वर्ष शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही विद्यार्थियों को पुस्तक उपलब्ध करवाई जाए। वार्षिक कैलेंडर समय पर जारी हो। सभी प्रकार की शक्तियों को विकेंद्रीयकरण किया जाए। स्कूल का समय आठ से दो बजे तथा सर्दियों में नौ से तीन बजे तक किया जाना चाहिए। ग्रीष्मावकाश की अवधि 42 दिन रखी जाए। सभी विद्यालयों में मुखिया के पदों पर पदोन्नति शीघ्र की जाए। नई रेशनालाइजेशन नीति को वापस लिया जाए। अध्यापकों से गैर शिक्षण कार्य न करवाया जाए। सभी शहरों व कस्बों की नई बस्तियों में सरकारी विद्यालय खोले जाएं। शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी अध्यापकों व कर्मचारियों के वेतनमान व भत्ते केंद्र के कर्मचारियों की तर्ज पर दिए जाएं। साथ ही डीएड के छात्रों की इंटर्नशिप रद की जाए
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