चंडीगढ़/ गुड़गांव/ तोशाम, 12 जून (ट्रिन्यू/हप्र/निस)
सरकारी स्कूलों में कार्यरत सरप्लस अतिथि अध्यापकों पर एक्शन शुरू हो गया है। प्रदेश के शिक्षा विभाग ने मेवात में कार्यरत 149 अतिथि अध्यापकों को नौकरी से हटा दिया है। ये शिक्षक उन 4073 अतिथि अध्यापकों में शामिल हैं, जिन्हें सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में शपथ-पत्र देकर सरप्लस बताया है। मेवात के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन 149 शिक्षकों को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं।
सरकार के इस फैसले के बाद अतिथि अध्यापक संघ भड़क उठा है। संघ ने सरकार पर पीठ में छुर्रा घोंपने का आरोप लगाया है। संघ नेताओं का कहना है कि एक ओर तो सरकार शिक्षकों के साथ बातचीत कर रही है और उन्हें एडजेस्ट करने का रास्ता निकालने का दावा कर रही हैं वहीं दूसरी ओर अतिथि अध्यापकों को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक संघ की ओर से हिमाचल
प्रदेश व दिल्ली सरकार सहित कई राज्यों की वह नीतियां लाकर सरकार को दी जा रही हैं, जिनके तहत अतिथि अध्यापकों की सेवाओं को नियमित किया गया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री, उपप्रधान कुलदीप झरोली व महासचिव पारस शर्मा ने कहा कि अतिथि अध्यापकों को हटाकर सरकार ने गलत काम किया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार नियमितीकरण पर बातचीत के लिए तैयार है वहीं दूसरी तरफ सरप्लस न होते हुए भी उन्हें हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश में किसी भी गेस्ट टीचर का रोजगार नहीं जाने देंगे, चाहे उन्हें इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। प्रभािवतों का दर्द : इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के आदेशों से प्रभावित हुए मोहम्मद नगर माध्यमिक विद्यालय के एसएस मास्टर जानमोहन ने टर्मिनेशन की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके विद्यालय में कक्षा छठी से आठवीं तक के 100 विद्यार्थी हैं और वे अकेले शिक्षक हैं, जिन पर 100 बच्चों को एसएस पढ़ाने का जिम्मा है। उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि झूठे सरप्लस दिखाकर विभाग उनका 10 वर्षों का करियर बर्बाद किया जा रहा है। इसी प्रकार से आलदूका उच्च विद्यालय के एसएस अतिथि अध्यापक लियाकत ने बताया कि विद्यालय के मुख्याध्यापक का उनके पास फोन आया था कि उनकी सेवाएं मौलिक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा समाप्त कर दी गई हैं। वहीं मेवात में कार्यरत अन्य अतिथि अध्यापकों ने भी टर्मिनेशन के आदेशों की पुष्टि की है, जिसमें सामाजिक अध्ययन, गणित व हिन्दी अध्यापक शामिल हैं। पिनगवां के गर्ल्स स्कूल में लेखराज 300 विद्यार्थियों को हिंदी और सुदर्शन मैथ्स पढ़ाते हैं। यहीं के ही बाल स्कूल में राम किशन नामक अध्यापक अकेला छठी से आठवीं कक्षा तक के 400 बच्चों को मैथ्स पढ़ाते हैं लेकिन अब इनकी नौकरी जाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। साकरस के स्कूल की भी कमोबेश यही स्थिति है।
प्रदेश व दिल्ली सरकार सहित कई राज्यों की वह नीतियां लाकर सरकार को दी जा रही हैं, जिनके तहत अतिथि अध्यापकों की सेवाओं को नियमित किया गया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री, उपप्रधान कुलदीप झरोली व महासचिव पारस शर्मा ने कहा कि अतिथि अध्यापकों को हटाकर सरकार ने गलत काम किया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार नियमितीकरण पर बातचीत के लिए तैयार है वहीं दूसरी तरफ सरप्लस न होते हुए भी उन्हें हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश में किसी भी गेस्ट टीचर का रोजगार नहीं जाने देंगे, चाहे उन्हें इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। प्रभािवतों का दर्द : इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के आदेशों से प्रभावित हुए मोहम्मद नगर माध्यमिक विद्यालय के एसएस मास्टर जानमोहन ने टर्मिनेशन की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके विद्यालय में कक्षा छठी से आठवीं तक के 100 विद्यार्थी हैं और वे अकेले शिक्षक हैं, जिन पर 100 बच्चों को एसएस पढ़ाने का जिम्मा है। उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि झूठे सरप्लस दिखाकर विभाग उनका 10 वर्षों का करियर बर्बाद किया जा रहा है। इसी प्रकार से आलदूका उच्च विद्यालय के एसएस अतिथि अध्यापक लियाकत ने बताया कि विद्यालय के मुख्याध्यापक का उनके पास फोन आया था कि उनकी सेवाएं मौलिक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा समाप्त कर दी गई हैं। वहीं मेवात में कार्यरत अन्य अतिथि अध्यापकों ने भी टर्मिनेशन के आदेशों की पुष्टि की है, जिसमें सामाजिक अध्ययन, गणित व हिन्दी अध्यापक शामिल हैं। पिनगवां के गर्ल्स स्कूल में लेखराज 300 विद्यार्थियों को हिंदी और सुदर्शन मैथ्स पढ़ाते हैं। यहीं के ही बाल स्कूल में राम किशन नामक अध्यापक अकेला छठी से आठवीं कक्षा तक के 400 बच्चों को मैथ्स पढ़ाते हैं लेकिन अब इनकी नौकरी जाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। साकरस के स्कूल की भी कमोबेश यही स्थिति है।
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