हरियाणा अनुदान प्राप्त (एडिड) प्रांत अध्यापक संघ ने बुधवार
को चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करके उन्हें एडिड
स्कूलों के शिक्षकों और गैर शिक्षक
कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समायोजित करने
का चुनावी वादा याद दिलाया। संघ के प्रतिनिधियों को सीएम
खट्टर ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए
जल्दी समायोजित करने का भरोसा दिलाया है।
सीएम के इस रुख से प्रदेश के 204 एडिड स्कूलों के करीब 2300 टीचर और
कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी बनने की उम्मीद जगी है। संघ
का प्रतिनिधि मंडल बाद में शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास
शर्मा से भी मिला। पत्रकारों से बातचीत में संघ के प्रतिनिधियों ने
बताया कि मुख्यमंत्री ने चुनावी वायदे के अनुरूप जल्द ही एडिड
स्कूलों को समायोजित करने
की प्रक्रिया शुरु करने का भरोसा दिया है। आश्वासन मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव की तरफ से भी मिला है। संघ की राज्य कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष नरेश आकाश ने बताया कि मुख्यमंत्री को प्रदेश के 204 एडिड स्कूलों के मंजूरशुदा पदों काम कर रहे टीचरों और कर्मचारियों की समस्याएं बताई गईं। बिना किसी कारण के स्कूल प्रबंधन समितियां व प्रशासन की मिलीभगत से एडिड स्कूलों में टाइम पर सेलरी नहीं मिली। संघ ने कहा कि बीजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र में इन स्कूलों के टीचर और कर्मचारियों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का वायदा किया था। इन टीचरों के वेतन की 75 फीसदी अनुदान राशि के रूप में दी जाती है तथा शेष 25 फीसदी का भुगतान प्रबंधन समितियां करती हैं। नए सत्र से लागू हो घोषणा प्रतिनिधि मंडल ने नए शैक्षणिक सत्र से पहले घोषणा को लागू करने की मांग की है। सदस्यों ने कहा कि पूर्व सरकार के कारण डी-ग्रांट हुए करनाल के दयानंद मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, जींद के महाराजा अग्रसेन कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तथा गोहाना के खासा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के टीचरों को तुरंत प्रभाव से एडजस्ट किया जाए। हुड्डा ने पूरी नहीं की घोषणा पिछले साल 10 नवंबर को गोहाना रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एडिड स्कूलों के नियमित स्टाफ को सरकारी सेवा में समायोजित करने की घोषणा की थी। बाद में हुड्डा इस घोषणा से मुकर गए।
की प्रक्रिया शुरु करने का भरोसा दिया है। आश्वासन मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव की तरफ से भी मिला है। संघ की राज्य कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष नरेश आकाश ने बताया कि मुख्यमंत्री को प्रदेश के 204 एडिड स्कूलों के मंजूरशुदा पदों काम कर रहे टीचरों और कर्मचारियों की समस्याएं बताई गईं। बिना किसी कारण के स्कूल प्रबंधन समितियां व प्रशासन की मिलीभगत से एडिड स्कूलों में टाइम पर सेलरी नहीं मिली। संघ ने कहा कि बीजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र में इन स्कूलों के टीचर और कर्मचारियों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का वायदा किया था। इन टीचरों के वेतन की 75 फीसदी अनुदान राशि के रूप में दी जाती है तथा शेष 25 फीसदी का भुगतान प्रबंधन समितियां करती हैं। नए सत्र से लागू हो घोषणा प्रतिनिधि मंडल ने नए शैक्षणिक सत्र से पहले घोषणा को लागू करने की मांग की है। सदस्यों ने कहा कि पूर्व सरकार के कारण डी-ग्रांट हुए करनाल के दयानंद मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, जींद के महाराजा अग्रसेन कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तथा गोहाना के खासा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के टीचरों को तुरंत प्रभाव से एडजस्ट किया जाए। हुड्डा ने पूरी नहीं की घोषणा पिछले साल 10 नवंबर को गोहाना रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एडिड स्कूलों के नियमित स्टाफ को सरकारी सेवा में समायोजित करने की घोषणा की थी। बाद में हुड्डा इस घोषणा से मुकर गए।
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