नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन
को लेकर गाइड लाइन जारी करने के बाद देश के कई बैंकों ने इसे भले
ही तुरंत लागू नहीं किया था पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब इसे
एचडीएफसी, ऐक्सिस बैंक और यूनियन बैंक जैसे बड़े बैंकों ने लागू करने
का फैसला कर लिया है.
अब 1 दिसंबर से एचडीएफसी और एक्सिस बैंक एटीएम से पांच बार
फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा देंगे. इसके बाद हर ट्रांजेक्शन पर 20 रूपए और
टैक्स देना होगा.
इतना ही नहीं अब कस्टमर दूसरे बैंक के एटीएम से भी महीने में तीन बार
ही फ्री ट्रांजेक्शन कर सकेंगे. यह नियम 6 मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई,
कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू और हैदराबाद में लागू
होगा. वहीं यूनियन बैंक अपने ग्राहकों को महीने में 8 बार फ्री ट्रांजेक्शन्स की सुविधा देगा. इसके बाद वह हर ट्रांजेक्शन पर 15 रूपए का चार्ज और टैक्स देना होगा. साथ ही दूसरे बैंक के एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन की लिमिट महीने में 3 बार ही होगी. आपको बता दें कि पिछले महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा था कि 1 नंवबर से बैंक 6 मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरू में खाताधारकों से महीने में 5 से ज्यादा बार एटीएम का प्रयोग करने पर उनसे चार्ज ले सकते हैं. साथ ही दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में 5 बार मुफ्त निकासी की सीमा को घटाकर तीन बार कर दिया गया था, पर स्टेट बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसाआई सरीखे बैंको ने अपने कस्टमर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऐसा नहीं करने का ऐलान किया था पर अब इन सभी बैंकों ने इसकी लिमिट तय करने का फैसला ले लिया है.
होगा. वहीं यूनियन बैंक अपने ग्राहकों को महीने में 8 बार फ्री ट्रांजेक्शन्स की सुविधा देगा. इसके बाद वह हर ट्रांजेक्शन पर 15 रूपए का चार्ज और टैक्स देना होगा. साथ ही दूसरे बैंक के एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन की लिमिट महीने में 3 बार ही होगी. आपको बता दें कि पिछले महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा था कि 1 नंवबर से बैंक 6 मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरू में खाताधारकों से महीने में 5 से ज्यादा बार एटीएम का प्रयोग करने पर उनसे चार्ज ले सकते हैं. साथ ही दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में 5 बार मुफ्त निकासी की सीमा को घटाकर तीन बार कर दिया गया था, पर स्टेट बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसाआई सरीखे बैंको ने अपने कस्टमर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऐसा नहीं करने का ऐलान किया था पर अब इन सभी बैंकों ने इसकी लिमिट तय करने का फैसला ले लिया है.
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