Saturday, April 20, 2013

AB SCHOOL LEVEL PE HOGI LAW KI STUDY

विद्यार्थियों को कानून की बारीकियां बताने के लिए सीबीएसई ने अनूठी पहल की है।
सीबीएसई ने नए सत्र से ग्यारहवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए कानून की पढ़ाई कराने का फैसला लिया है। स्कूल स्तर पर कानून की पढ़ाई करने से जहां विद्यार्थियों में सही और गलत के प्रति समझ विकसित होगी, वहीं उन्हें समय रहते कैरियर चुनने का भी अवसर मिलेगा।
सीबीएसई स्कूलों में अब तक कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय से जुडे़ विषयों की ही पढ़ाई करवाई जाती रही है। जिन विद्यार्थियों की कानून की पढ़ाई के प्रति रुचि होती है, उन्हें इसे पढ़ने का मौका कॉलेज या तो यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद ही मिलता है। इसमें फाइव और थ्री ईयर लॉ कोर्स शामिल हैं। सीबीएसई ने नए सत्र 2013-14 में ग्यारहवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए कानून की पढ़ाई कराने का फैसला लिया है। इसके लिए सीबीएसई ने वेबसाइट पर सर्कुलर जारी किया है जो स्कूल अपने यहां पर इस कोर्स को शुरू करना चाहता है, उसे 20 अप्रैल तक एप्लीकेशन फार्म के साथ अटैच प्रोफार्मा भरकर भेजना होगा। तीन हजार रुपये फीस भी जमा करवानी होगी।
अधिकारियों का कहना है कि इलेक्टिव कोर्स के रूप में शुरू किए जाने वाले विषय को किसी भी संकाय का विद्यार्थी ले सकता है। इसके लिए विद्यार्थियों को एप्लीकेशन फार्म भरकर भेजना होगा।
सीबीएसई ने ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के लिए अलग-अलग सिलेबस तैयार किया है। ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को थ्योरी एंड नेचर ऑफ पॉलिटिकल इंस्टीट्यूशन, नेचर एंड सोर्स ऑफ लॉ हिस्टोरिकल इवेल्यूएशन ऑफ इंडियन लीगल सिस्टम, सिविल एंड क्रिमिनल कोर्ट एंड प्रोसेस, फैमिली जस्टिस सिस्टम विषय रहेंगे जबकि बारहवीं के सिलेबस में ज्यूडिशियरी टॉपिक्स इन लॉ, आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल एजुडिकेशन इन अल्टरनेट डिसप्यूट रिजॉल्यूशन, ह्यूमन राइट्स इन इंडिया, लीगल प्रोफेशन इन इंडिया लीगल सर्विसेज इंटरनेशनल कंटेक्स्ट विषय शामिल रहेंगे।
सबको होनी चाहिए कानून की जानकारी
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रणबीर सिंह खरकाली का कहना है कि सीबीएसई ने दसवीं कक्षा के बाद विद्यार्थियों को कानून की पढ़ाई करवाने का जो फैसला लिया है, वह सराहनीय है। कानून की पढ़ाई करने से विद्यार्थियों में जागरूकता आएगी। उनमेें सही व गलत की समझ भी विकसित होगी। इसके अलावा अगर कहीं पर कानून के साथ खिलवाड़ होगा तो उसे बचाने के लिए विद्यार्थी आगे आएंगे।
खरकाली का मानना है कि देश के हर नागरिक को कानून की जानकारी होनी चाहिए।
•सीबीएसई ने वेबसाइट पर सर्कुलर जारी कर स्कूलों से कोर्स के लिए मांगे आवेदन, कल तक एप्लीकेशन फार्म के साथ प्रोफार्मा भेजना होगा
•विद्यार्थियों को कायदे कानून की जानकारी हो और वे अपने आसपास होने वाले सभी मामलों में सतर्क रहें। इस लिहाज से ग्यारहवीं व बारहवी कक्षा में इलेक्टिव कोर्स के रूप मे कानून की पढ़ाई शुरू करने का फैसला लिया गया है। स्कूल स्तर पर कानून की पढ़ाई करने से विद्यार्थियों में ज्यादा समझ विकसित होगी। इसके अलावा जो विद्यार्थी कानून के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, उन्हें इसका फायदा मिलेगा। नए सत्र से जो स्कूल अपने यहां इस कोर्स को शुरू करना चाहते हैं, वे इसे शुरू कर सकते हैं।
आरजे खांडेराव क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई, पंचकूला।

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