चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी शर्तों के साथ सरप्लस गैस्ट टीचर्स को सिर्फ 4 महीने अर्थात 31 मार्च 2016 तक दोबारा सेवा में रखने की अनुमति दे दी। हाईकोर्ट की जस्टिस सतीश कुमार मित्तल की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मामले में कड़ी शर्ते भी लगा दी। बेंच ने आदेश पारित किया है कि 31 मार्च 2016 को इन दोबारा सेवा में लिए जाने वाले 3581 सरप्लस गैस्ट टीचर्स की सेवाएं ऑटोमेटिक समाप्त मानी जाएगी तथा वो कोई अन्य दावा नहीं कर सकेंगे। हाईकोर्ट द्वारा ये शर्त लगाने से सरप्लस गैस्ट की ख़ुशी फिर से काफूर हो गई।
हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि 31 मार्च 2016 तक रेगुलर शिक्षकों की भर्ती को हर हाल में सरकार पूरा करेगी और प्रमोशन कोटा के पदों को भी 31 मार्च तक भरना होगा। सीधी भर्ती कोटे के टीजीटी व पीजीटी कैडर के सभी रिक्त पदों को विज्ञापित करके 31 मार्च 2016 तक भरना होगा। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सरकार नवचयनित 54 पीजीटी हिंदी को भी अविलम्ब नियुक्ति दे। हाईकोर्ट ने यह भी साफ़ किया कि सरप्लस गैस्ट टीचर्स को दोबारा सेवा में रखना सिर्फ स्टॉप गेप अर्रेंजमेंट है और इनको वेतन नहीं बल्कि 21000 रूपये का निर्धारित मानदेय ही दिया जायेगा। हाईकोर्ट के आदेशों से जंहा सरप्लस गैस्ट टीचर्स को थोड़ी सी राहत मिली लेकिन 4 माह बाद सेवा पुन: समाप्त माने जाने के आदेश से फिर से मायूसी भी नजर आई।
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