सीबीएसई 10वीं और 12वीं का परीक्षा पैटर्न बदला
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बार 10वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है। विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर बढ़ाने के लिए सीबीएसई ने ऑब्जेक्टिव टाइप की जगह एप्लिकेशन आधारित प्रश्नों को चुना है। दो मार्च से सीबीएसई की परीक्षा शुरू होने जा रही है। सीबीएसई ने सभी सब्जेक्ट के सैंपल पेपर जारी किए हैं, जिसमें 10वीं और 12वीं की परीक्षा में कई बदलाव सामने आए हैं। नए पैटर्न के अनुसार हिंदी, मैथ, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडीज और अकाउंटेंसी जैसे विषयों में सवालों की संख्या कम की गई है।
इसके साथ ही लंबे उत्तर वाले प्रश्नों की संख्या में इजाफा किया गया है। दो-तीन अंकों वाले प्रश्नों की संख्या को कम किया गया है। बोर्ड का मानना है कि प्रश्न का उत्तर देने से पहले विद्यार्थी को उसे समझना होगा। इसके
बाद ही वह उत्तर दे सकेगा। परीक्षा पैटर्न के इस बदलाव से विद्यार्थियों को थोड़ी मुश्किल हो सकती है, लेकिन इस पैटर्न से उनका बौद्धिक स्तर जांचा जा सकेगा।
कुछ ऐसे हुआ बदलाव
10वीं मैथ के पेपर में पहले एक-एक नंबर के आठ प्रश्न आते थे, लेकिन इस बार चार प्रश्न कर दिए गए हैं, जबकि चार नंबर के प्रश्न बढ़ा दिए हैं। हिंदी के पेपर में 40 नंबर के बहु विकल्पीय प्रश्न आते थे। मगर इस बार इनमें बड़ा बदलाव किया गया है। परीक्षा में बहु विकल्पीय प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे। विज्ञान के पेपर में भी कई प्रश्न प्रैक्टिकल बेस पर पूछे जाएंगे। इसके अलावा 12वीं राजनीति विज्ञान, मैथ और बिजनेस स्टडीज में भी मामूली बदलाव किया गया है। इसमें ज्यादातर एनालिटिकल प्रश्न ज्यादा पूछे जाएंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बार 10वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है। विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर बढ़ाने के लिए सीबीएसई ने ऑब्जेक्टिव टाइप की जगह एप्लिकेशन आधारित प्रश्नों को चुना है। दो मार्च से सीबीएसई की परीक्षा शुरू होने जा रही है। सीबीएसई ने सभी सब्जेक्ट के सैंपल पेपर जारी किए हैं, जिसमें 10वीं और 12वीं की परीक्षा में कई बदलाव सामने आए हैं। नए पैटर्न के अनुसार हिंदी, मैथ, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडीज और अकाउंटेंसी जैसे विषयों में सवालों की संख्या कम की गई है।
इसके साथ ही लंबे उत्तर वाले प्रश्नों की संख्या में इजाफा किया गया है। दो-तीन अंकों वाले प्रश्नों की संख्या को कम किया गया है। बोर्ड का मानना है कि प्रश्न का उत्तर देने से पहले विद्यार्थी को उसे समझना होगा। इसके
बाद ही वह उत्तर दे सकेगा। परीक्षा पैटर्न के इस बदलाव से विद्यार्थियों को थोड़ी मुश्किल हो सकती है, लेकिन इस पैटर्न से उनका बौद्धिक स्तर जांचा जा सकेगा।
कुछ ऐसे हुआ बदलाव
10वीं मैथ के पेपर में पहले एक-एक नंबर के आठ प्रश्न आते थे, लेकिन इस बार चार प्रश्न कर दिए गए हैं, जबकि चार नंबर के प्रश्न बढ़ा दिए हैं। हिंदी के पेपर में 40 नंबर के बहु विकल्पीय प्रश्न आते थे। मगर इस बार इनमें बड़ा बदलाव किया गया है। परीक्षा में बहु विकल्पीय प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे। विज्ञान के पेपर में भी कई प्रश्न प्रैक्टिकल बेस पर पूछे जाएंगे। इसके अलावा 12वीं राजनीति विज्ञान, मैथ और बिजनेस स्टडीज में भी मामूली बदलाव किया गया है। इसमें ज्यादातर एनालिटिकल प्रश्न ज्यादा पूछे जाएंगे।
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