हरियाणा में वर्ष 2008 में 816 आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों की भर्ती को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। भर्ती में अनियमितताओं संबंधी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यह फैसला दिया। कोर्ट ने इस याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जस्टिस राजेश बिंदल की एकल बेंच के समक्ष पेश याचिका में भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इसे खारिज करने की मांग की गई थी। याचिका में आरोप लगाया कि वर्ष 2006 में इस भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था और 2008 में नियुक्ति पत्र थमा दिए गए। इस भर्ती के लिए उपयुक्त प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों की भर्ती के लिए संबंधित डिप्लोमा की शर्त अनिवार्य नहीं रखी गई थी, जबकि यह जरूरी था। यह भी कहा था कि एक चयनित उम्मीदवार की आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा निकल
चुकी थी, फिर भी उसका चयन कर लिया गया। अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने का था आरोप विज्ञापन जारी होने के बाद बदले नियम याचिका में बताया कि भर्ती के लिए आवेदन का विज्ञापन जारी होने के बाद नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद इंटरव्यू के लिए पहले निर्धारित 25 अंक बढ़ाकर 30 कर दिए गए। भर्ती बोर्ड के चेयरमैन ने बोर्ड सदस्यों की कोई मीटिंग भी आयोजित नहीं की। हालांकि, हरियाणा सरकार ने पैरवी के दौरान भर्ती को सही ठहराया था, लेकिन सरकारी दलीलों को नकारते हुए हाईकोर्ट ने भर्ती में अनियमितताएं होने की बात कही है और भर्ती रद कर दी।
चुकी थी, फिर भी उसका चयन कर लिया गया। अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने का था आरोप विज्ञापन जारी होने के बाद बदले नियम याचिका में बताया कि भर्ती के लिए आवेदन का विज्ञापन जारी होने के बाद नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद इंटरव्यू के लिए पहले निर्धारित 25 अंक बढ़ाकर 30 कर दिए गए। भर्ती बोर्ड के चेयरमैन ने बोर्ड सदस्यों की कोई मीटिंग भी आयोजित नहीं की। हालांकि, हरियाणा सरकार ने पैरवी के दौरान भर्ती को सही ठहराया था, लेकिन सरकारी दलीलों को नकारते हुए हाईकोर्ट ने भर्ती में अनियमितताएं होने की बात कही है और भर्ती रद कर दी।
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