हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों व असमानता को दूर करने के लिए कर्मचारियों और उनके संगठनाें से उनके संबंधित प्रशासनिक विभाग के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किए हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2008 और हरियाणा सिविल सेवाएं (एसीपी) नियम 2008 के माध्यम से समय-समय पर किए गए वेतन संशोधनों के क्रियान्वयन से उत्पन्न विसंगतियों व वेतन असमानता को दूर करने के लिए एक वेतन विसंगति आयोग गठित किया है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी और उनके संघ व यूनियनों द्वारा भेजे जाने वाले प्रतिवेदनों की प्रशासनिक विभाग द्वारा जांच की जाएगी और वह अपनी टिप्पणी के साथ इन प्रतिवेदनों को 15 अप्रैल तक वेतन विसंगति
आयोग को प्रेषित करेंगे। प्रतिवेदनों की जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि प्रतिवेदन वेतन विसंगति को दूर करने के लिए है या छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से उत्पन्न वेतन असमानता को दूर करने के लिए। या फिर पंजाब की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग से संबंधित है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक विभाग इन प्रतिवेदनों की मैरिट के आधार पर जांच करेगा।
आयोग को प्रेषित करेंगे। प्रतिवेदनों की जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि प्रतिवेदन वेतन विसंगति को दूर करने के लिए है या छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से उत्पन्न वेतन असमानता को दूर करने के लिए। या फिर पंजाब की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग से संबंधित है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक विभाग इन प्रतिवेदनों की मैरिट के आधार पर जांच करेगा।
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