Tuesday, September 2, 2014

5 SEPTEMBER BANA SABKE LIYE CHUNOTI

नई दिल्ली : 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर नरेंद्र मोदी का भाषण देश के सभी स्कूलों में बच्चों को सुनाए जाने का निर्देश जारी करने के साथ मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन दूसरी तरफ शिक्षक दिवस को ‘गुरु उत्सव’ के रूप में मनाने का राजनैतिक विरोध भी शुरू हो गया है। मोदी के भाषण को लेकर यूपी, पंजाब, हिमाचल और जम्मू में स्कूलों के सामने कई व्यवस्थागत चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं। मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही उनका भाषण सुनने पर संशय बना हुआ है। वाराणसी के डीआईओएस अवध किशोर सिंह और बीएसए सुभाष गुप्ता को अभी लिखित निर्देश का इंतजार है, जबकि लखनऊ में माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने कहा है कि डीआईओएस को तैयारियां करने के निर्देश दे दिए गए हैं। दूसरी तरफ सर्व शिक्षा अभियान की निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यहां तक कह दिया है कि कार्यक्रम कितना सफल रहा इसकी रिपोर्ट भी उन्हें सौंपें। लखनऊ
और वाराणसी के अधिकारियों में भ्रम के बीच वाराणसी के शिक्षा अधिकारी यह भी मानते हैं कि यहां के अधिकांश स्कूलों में व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। सबसे बड़ी मुसीबत पंजाब के टीचरों की है। यहां गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन ने दिल्ली के निर्देशों को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि विभाग ने फंड तक नहीं दिया है ऐसे में यह विशेष व्यवस्था कैसे की जाए। यूपी में भी बच्चों को इतनी देर तक रोकना चुनौती बताया जा रहा है। पंजाब में धान सीजन के चलते जनरेटर किसानों ने किराए पर ले रखे हैं, ऐसे में यह व्यवस्था मुश्किल होगी। भूखे बच्चों के लिए मिड डे मील के कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। पीएम का भाषण 5 सितंबर को दोपहर 3 बजे से 4.45 के बीच होगा। यहां रेडियो पर भाषण सुनाने के दिए निर्देश हिमाचल प्रदेश किन्नौर, चंबा, लाहौल-स्पीति में स्कूली बच्चों को शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनाना मुश्किल दिखाई दे रहा है, हालांकि कुछ न होने की स्थिति में रेडियो पर भाषण सुनाने की व्यवस्था के निर्देश दे दिए गए हैं। जबकि जम्मू में भी कमोबेश दुर्गम इलाकों में यही हालात हैं।

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