प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीचर्स डे के मौके पर आज देशभर के स्कूली बच्चों को संबोधित किया. पीएम का यह भाषण करीब 18 लाख स्कूलों में लाइव दिखाया गया. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों को संबोधित किया.
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि बच्चों के बीच भाषण सौभाग्य की बात है. शिक्षक के महत्व को समझे बिना बदलाव संभव नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्या वजह है कि अधिकतर लोग टीचर नहीं बनना चाहते?
जापान का किस्सा
मोदी ने अपने भाषण में हाल में अपनी जापान यात्रा का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि जापान में टीचर और स्टूडेंट मिलकर सफाई करते हैं. हिंदुस्तान में ऐसा क्यों नहीं होता? हम इसे राष्ट्रीय चरित्र कैसे बनाएं, इस पर विचार करना होगा.
मीडिया पर चुटकी
मोदी ने अपने इस भाषण में मीडिया पर चुटकी की. उन्होंने कहा, 'जब मैं गुजरात में था तो एक बार टीवी चैनलों ने एक स्कूल में सफाई वाली खबर पर खूब बवाल
किया. मैं पूछता हूं कि इसमें बुराई क्या है, अगर बच्चों में स्कूल में सफाई की.' हालांकि बाद में मोदी ने टीचर्स डे के इस कार्यक्रम के लगातार कवरेज के लिए मीडिया का आभार भी व्यक्त किया. अनुरोध पीएम ने पढ़े लिखे लोगों से आग्रह किया कि वो निकट के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में एक पीरियड लें. मोदी ने शिक्षकों से आग्रह किया कि बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी की जानकारी दें. कितनी बार निकलता है पसीना? मोदी ने मानेकशॉ ऑडिटोरियम में मौजूद बच्चों से पूछा कि कितनों को दिन में चार बार पसीना निकलता है? बच्चों को खूब मस्ती करना चाहिए, दौड़-धूप करना चाहिए कि दिन में चार बार पसीना आए. किताब, टीवी, कम्प्यूटर के दायरे में जिंदगी नहीं रहनी चाहिए. जीवन चरित्र पढ़ने की सलाह मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि उन्हें नियमित किताबों के अलावा जीवन चरित्र जरूर पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इससे हम इतिहास के बहुत करीब जाते हैं. हर क्षेत्र के अग्रणी लोगों के जीवन चरित्र पढ़ने चाहिए.' गूगल का जिक्र मोदी ने कहा, 'आज कल हर काम गूगल गुरु करता है. कोई भी सवाल मन में आता है, गूगल गुरु के पास चले जाते हैं. गूगल गुरु से जानकारी तो मिलती है, लेकिन ज्ञान नहीं.' पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना पड़ता है सवाल-जवाब राउंड शुरू हुआ तो एक बच्चे ने पूछा कि सीएम से पीएम बनने के बाद आपको कैसा लगा? मोदी का जवाब था, 'दिल्ली में अभी घूमा ही कहां हूं. ऑफिस से घर, घर से ऑफिस. ज्यादा बदलाव नहीं आया. इस दायित्व को संभालने में मुझे कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना होता है.' एक लड़की के सवाल पर मोदी ने कहा, 'मैं एक दिन पीएम बनूंगा, ये कभी नहीं सोचा था. सपने देखने चाहिए, लेकिन कुछ बनने के बजाय, कुछ करने के सपने देखने चाहिए. महत्वाकांक्षा जीवन में बोझ की तरह है. इस सवाल पर कि बच्चों से बातचीत से आपको क्या लाभ होगा, मोदी ने कहा, लाभ मिलता होता तो नहीं आता. बहुत सारे काम होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते. ऐसे काम का आनंद अलग होता. लाभ के लिए काम करने वाले मुसीबत में फंस हो जाते हैं. '2024 तक रहूंगा पीएम' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इम्फाल से एक बच्चे ने मोदी पूछा, 'मैं कैसे देश का पीएम बन सकता हूं.' इस पर मोदी का जवाब था, '2024 के चुनाव की तैयारी करो. इसका मतलब हुआ कि तब तक मैं पीएम रहूंगा.' मोदी के इस जवाब पर खूब ठहाके लगे. शरारती बाल नरेंद्र के किस्से नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन के दिनों में की गई शरारतों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई बालक शरारत न करे तो यह चिंता की बात है. उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब किसी शादी में शहनाई बजती थी तो मोदी और इनके कुछ साथी इमली लेकर जाते थे और शहनाई बजाने वाले के सामने इसे खाते थे. इससे शहनाई बजाने वाले के मुंह में पानी आ जाता और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत होती थी. एक और किस्से का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'हम बचपन में किसी की शादी में चले जाते थे. कोई भी दो लोग खड़े होते थे तो उनके कपड़े में स्टेपलर लगा देते थे.' मोदी के ये किस्से सुनकर बच्चों ने खूब ठहाके लगाए. बच्चों को दी भगवत गीता मानेकशॉ ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. कुछ बच्चों ने डॉ. राधाकृष्णन के संस्मरण सुनाए. इन बच्चों ने पीएम के पैर छुए और मोदी ने इन्हें भगवत गीता भेंट की
किया. मैं पूछता हूं कि इसमें बुराई क्या है, अगर बच्चों में स्कूल में सफाई की.' हालांकि बाद में मोदी ने टीचर्स डे के इस कार्यक्रम के लगातार कवरेज के लिए मीडिया का आभार भी व्यक्त किया. अनुरोध पीएम ने पढ़े लिखे लोगों से आग्रह किया कि वो निकट के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में एक पीरियड लें. मोदी ने शिक्षकों से आग्रह किया कि बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी की जानकारी दें. कितनी बार निकलता है पसीना? मोदी ने मानेकशॉ ऑडिटोरियम में मौजूद बच्चों से पूछा कि कितनों को दिन में चार बार पसीना निकलता है? बच्चों को खूब मस्ती करना चाहिए, दौड़-धूप करना चाहिए कि दिन में चार बार पसीना आए. किताब, टीवी, कम्प्यूटर के दायरे में जिंदगी नहीं रहनी चाहिए. जीवन चरित्र पढ़ने की सलाह मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि उन्हें नियमित किताबों के अलावा जीवन चरित्र जरूर पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इससे हम इतिहास के बहुत करीब जाते हैं. हर क्षेत्र के अग्रणी लोगों के जीवन चरित्र पढ़ने चाहिए.' गूगल का जिक्र मोदी ने कहा, 'आज कल हर काम गूगल गुरु करता है. कोई भी सवाल मन में आता है, गूगल गुरु के पास चले जाते हैं. गूगल गुरु से जानकारी तो मिलती है, लेकिन ज्ञान नहीं.' पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना पड़ता है सवाल-जवाब राउंड शुरू हुआ तो एक बच्चे ने पूछा कि सीएम से पीएम बनने के बाद आपको कैसा लगा? मोदी का जवाब था, 'दिल्ली में अभी घूमा ही कहां हूं. ऑफिस से घर, घर से ऑफिस. ज्यादा बदलाव नहीं आया. इस दायित्व को संभालने में मुझे कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना होता है.' एक लड़की के सवाल पर मोदी ने कहा, 'मैं एक दिन पीएम बनूंगा, ये कभी नहीं सोचा था. सपने देखने चाहिए, लेकिन कुछ बनने के बजाय, कुछ करने के सपने देखने चाहिए. महत्वाकांक्षा जीवन में बोझ की तरह है. इस सवाल पर कि बच्चों से बातचीत से आपको क्या लाभ होगा, मोदी ने कहा, लाभ मिलता होता तो नहीं आता. बहुत सारे काम होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते. ऐसे काम का आनंद अलग होता. लाभ के लिए काम करने वाले मुसीबत में फंस हो जाते हैं. '2024 तक रहूंगा पीएम' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इम्फाल से एक बच्चे ने मोदी पूछा, 'मैं कैसे देश का पीएम बन सकता हूं.' इस पर मोदी का जवाब था, '2024 के चुनाव की तैयारी करो. इसका मतलब हुआ कि तब तक मैं पीएम रहूंगा.' मोदी के इस जवाब पर खूब ठहाके लगे. शरारती बाल नरेंद्र के किस्से नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन के दिनों में की गई शरारतों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई बालक शरारत न करे तो यह चिंता की बात है. उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब किसी शादी में शहनाई बजती थी तो मोदी और इनके कुछ साथी इमली लेकर जाते थे और शहनाई बजाने वाले के सामने इसे खाते थे. इससे शहनाई बजाने वाले के मुंह में पानी आ जाता और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत होती थी. एक और किस्से का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'हम बचपन में किसी की शादी में चले जाते थे. कोई भी दो लोग खड़े होते थे तो उनके कपड़े में स्टेपलर लगा देते थे.' मोदी के ये किस्से सुनकर बच्चों ने खूब ठहाके लगाए. बच्चों को दी भगवत गीता मानेकशॉ ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. कुछ बच्चों ने डॉ. राधाकृष्णन के संस्मरण सुनाए. इन बच्चों ने पीएम के पैर छुए और मोदी ने इन्हें भगवत गीता भेंट की
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