नई दिल्ली। मोबाइल यूजर्स के लिए एक अच्छी खबर है। आने वाले
दिनों में अगर आपको नया सिम कार्ड लेना है तो उसके लिए केवल
आपको दूरसंचार कंपनियों को अपना आधार कार्ड क्रमांक और अंगूठे
का बॉयोमैट्रिक वेरिफेकशन (शरीर के हाथ, आंख या अन्य किसी अंग
का बॉयोमैट्रीक वेरिफेकशन) करना होगा। उसके बाद कुछ ही घंटों में
आपका सिम कार्ड एक्टीवेट हो जाएगा।
हम आपको बता दें कि नया सिम कार्ड लेने के लिए मोबाइल
उपभोक्ताओं को आवासीय पते का दस्तावेज सहित पैन कार्ड और
आधार कार्ड की प्रतियां दूरसंचार कंपनियों के पास
जमा करना होता है। उसके बाद दूर संचार कंपनियां उस दस्तावेज
को वेरिफाई करती हैं, जिसमें दो से तीन दिनों का समय सिम कार्ड
एक्टीवेट करने में लग जाता है। इस प्रक्रिया में मोबाइल
उपभोक्ता
को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार के दूर-संचार विभाग और इनफॉरमेशन टेक्नालॉजी (आईटी) विभाग ने उपभोक्ता को आधार कार्ड क्रमांक और बॉयोमैट्रिक वेरिफेकशन के आधार पर सिम कार्ड एक्टीवेट करने के बारे में योजना है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना को शुरु कर लिया गया होता था, लेकिन इस पर इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने अपनी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद उसकी आपत्तियों पर चर्चा करने और उनके दिक्कतों को दूर करने में समय लग गया। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को यह बताया गया है कि देश में कई बैंक अकाउंट खोलने के लिए इलेक्ट्रनिक नो-योर कस्टमर (इ-केवाईसी) के माध्यम का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा की चुनौती का कोई सवाल ही नहीं उठता है। आधार कार्ड प्रोजेक्ट से जुड़े के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में एक्सिस बैंक सहित तमाम बैंकों को ई-केवाईसी के माध्यम से नागरिकों के अकाउंट खोले जा रहे हैं। इसलिए हमने आधार कार्ड के माध्यम से ही सिम कार्ड भी मोबाइल ग्राहकों को देने का सुझव केंद्र सरकार को दिया था, जिस पर दूर संचार विभाग और आईटी विभाग की कई बार बैठकें हो चुकी है, जिसमें यह तय किया गया था कि मोबाइल धारकों को ई-केवाईसी के जरिए सिमकार्ड दिया जाए, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने आपत्ति जताई थी, जिसके कारण योजना शुरु करने में देरी हो गई। उन्होंने बताया कि अब हमने आईबी सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों की आपत्तियों को सुलझ लिया है। सुरक्षा एजेंसियों को बताया गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पास सभी आधार कार्ड धारकों का यूआईडी नंबर जनरेट करते समय नागारिकों से उनके आवेदन फार्म में आवसीय पते की जानकारी सहित पता का प्रमाण पत्र और कई दस्तावेजों को संकलित किया गया है। इन सभी दस्तावेजों का एक बैक-एंड डाटा तैयार किया गया है। ऐसे में आधार को बतौर ई-केवाईसी के रुप में सिम कार्ड एक्टीवेट करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया प्लान के तहत भारतीय निवासियों को ई-केवाईसी के माध्यम से सिम कार्ड देने की तैयारी की जा रही है और यह उपक्रम केंद्र सरकार जल्द ही शुरू कर सकती है।
को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार के दूर-संचार विभाग और इनफॉरमेशन टेक्नालॉजी (आईटी) विभाग ने उपभोक्ता को आधार कार्ड क्रमांक और बॉयोमैट्रिक वेरिफेकशन के आधार पर सिम कार्ड एक्टीवेट करने के बारे में योजना है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना को शुरु कर लिया गया होता था, लेकिन इस पर इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने अपनी आपत्ति जताई थी, जिसके बाद उसकी आपत्तियों पर चर्चा करने और उनके दिक्कतों को दूर करने में समय लग गया। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को यह बताया गया है कि देश में कई बैंक अकाउंट खोलने के लिए इलेक्ट्रनिक नो-योर कस्टमर (इ-केवाईसी) के माध्यम का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा की चुनौती का कोई सवाल ही नहीं उठता है। आधार कार्ड प्रोजेक्ट से जुड़े के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में एक्सिस बैंक सहित तमाम बैंकों को ई-केवाईसी के माध्यम से नागरिकों के अकाउंट खोले जा रहे हैं। इसलिए हमने आधार कार्ड के माध्यम से ही सिम कार्ड भी मोबाइल ग्राहकों को देने का सुझव केंद्र सरकार को दिया था, जिस पर दूर संचार विभाग और आईटी विभाग की कई बार बैठकें हो चुकी है, जिसमें यह तय किया गया था कि मोबाइल धारकों को ई-केवाईसी के जरिए सिमकार्ड दिया जाए, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने आपत्ति जताई थी, जिसके कारण योजना शुरु करने में देरी हो गई। उन्होंने बताया कि अब हमने आईबी सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों की आपत्तियों को सुलझ लिया है। सुरक्षा एजेंसियों को बताया गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पास सभी आधार कार्ड धारकों का यूआईडी नंबर जनरेट करते समय नागारिकों से उनके आवेदन फार्म में आवसीय पते की जानकारी सहित पता का प्रमाण पत्र और कई दस्तावेजों को संकलित किया गया है। इन सभी दस्तावेजों का एक बैक-एंड डाटा तैयार किया गया है। ऐसे में आधार को बतौर ई-केवाईसी के रुप में सिम कार्ड एक्टीवेट करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया प्लान के तहत भारतीय निवासियों को ई-केवाईसी के माध्यम से सिम कार्ड देने की तैयारी की जा रही है और यह उपक्रम केंद्र सरकार जल्द ही शुरू कर सकती है।
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