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Friday, May 1, 2015

गेस्ट टीचर 2 मई को कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में आगामी रणनीति तैयार कर आंदोलन की घोषणा करेंगे

हिसार - बीजेपी सरकार ने मात्र कुछ महीनो में ही अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। एक तरफ तो चुनाव से पहले लुभावने वायदे कर गेस्ट टीचरों व उनके परिवारों से बीजेपी के सहयोग की गुहार लगा रहे थे वहीं मात्र कुछ ही महीनों में गेस्ट टीचरों को हटाने के आदेश देकर वायदाख़िलाफ़ी व धोखेबाजी कर अपना असली रूप दिखा दिया है जिसे गेस्ट टीचर किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये बात हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने कही। उन्होंने सरकार व शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने गेस्ट टीचरों को हटाने के उद्देश्य से साजिश के तहत कोर्ट में हलफनामा देकर सरकार का असली रूप दिखा दिया है जिससे गेस्ट टीचरों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार स्कूलों में खाली पड़े हजारों पदो से परेशान है वहीं दूसरी तरफ गेस्ट टीचरों को वर्कलोड या सरप्लस का बहाना बनाकर हटाने का कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर रही है। इससे सरकार व विभाग की मनसा साफ झलकती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भले ही हमारी जान चली जाए लेकिन हम अपना रोजगार छीनने नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा की गई वायदाख़िलाफ़ी के विरोध में 2 मई को प्रदेश के सभी जिला प्रधान व ब्लॉक प्रधान
कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में आगामी रणनीति तैयार कर आंदोलन की घोषणा करेंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र शास्त्री ने बताया कि माननीय हाई कोर्ट गेस्ट टीचरों को नहीं हटाना चाहती बल्कि उनके पक्ष में थी लेकिन सरकार ने टीसी गुप्ता के माध्यम से 4073 गेस्ट टीचरों को जल्द से जल्द हटाने का कोर्ट में हलफनामा दायर किया था जिससे की आज उन्हें हटाने की बात कहि गई है। कोर्ट के फैसले से प्रदेश के 4073 अतिथि अध्यापकों के परिवारों का निवाला छिन्न जाएगा जिससे उनके सामने मरने या मारने के सिवाय कोई चारा नहीं रहेगा। ये अध्यापक करीब 9 सालों से अध्यापन के सहारे अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है। अध्यापक अब ऐसी सिथति में नही है कि और कोई रोजगार चला सके। अधिकांश अध्यापक जहां आयु सीमा पार कर चुके है वहीं उनके परिवारों का रहन सहन भी इसी परिद्रश्य के अनुरूप ढल गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस दिशा में सरकार की और से कोई ठोस कदम नही उठाए गए तो पहले से अध्यापको की कमी झेल रहे स्कूलों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है जिससे स्कूलों पर ताले लगने स्वाभाविक है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा कोर्ट में दिया गया हलफनामा वापिस नहीं लिया और जल्द से जल्द एक कलम से नियमित करने की घोषणा नहीं कि तो प्रदेश के सभी 15 हजार गेस्ट टीचर सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ ईंट से ईंट बजाने का काम करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि भले ही उनकी जान चली जाए लेकिन वो किसी भी हाल में अपना रोजगार नहीं जाने देंगे। इस दौरान अगर कोई अनहोनी घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार व विभाग की होगी।

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