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Thursday, September 5, 2013

GRACE MARKS KE KARAN 29334 TEACHERS POST PAR NAYA VIVAD

बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथिमक स्कूलों में 29,334 विज्ञान और गणित विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती में एक और पेच फंसता नजर आ रहा है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में श्रेणी का जिंक्र नहीं होने के कारण हजारों छात्रों को नुकसान हो रहा है। अंकपत्र में कई छात्रों को कृपांक के चलते फस्ट डिवीजन मिल गई है लेकिन उनके प्राप्तांक प्रथम श्रेणी के नहीं हैं। वर्ष 2011 में कानपुर विवि से बीएड करने वाले छात्र सुरेंद्र और 2008-09 सत्र में बीएड करने वाले आशीष को थ्योरी में 600 में से 359 अंक मिले हैं, जो प्रथम श्रेणी से एक अंक कम है। कानपुर विवि ने इन्हें कृपांक के रूप में एक अंक देकर प्रथम श्रेणी का अंकपत्र दिया है। ठीक यही िस्थित अवध
विश्वविद्यालय से 2009 में बीएड करने वाले सिच्चदानंद शुक्ल की है। उन्हें 600 में से 359 अंक मिलने पर विश्वविद्यालय ने प्रथम श्रेणी का सिर्टिफकेट जारी किया है। यिद इन अभ्यिर्थयों का प्रतिशत जोड़ा जाए तो 59.83 फीसदी ही आएगा। शासनादेश के अनुसार उच्च प्राथिमक स्कूलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण योग्यता बीटीसी या बीएड में थ्योरी और प्रैक्टिकल में फर्स्ट डिवीजन है तो 12-12 नंबर मिलेंगे। सेकेंड डिवीजन में 6-6 और थर्ड डिवीजन पर 3-3 नंबर मिलेंगे। इसी के आधार पर मेरिट का निर्धारण होगा। बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑनलाइन आवेदन के प्रोफार्मा में प्रतिशत का कॉलम दिया है। अब यदि ये छात्र प्रतिशत का जिंक्र करते हैं तो वे द्वितीय श्रेणी में माने जाएंगे और 12 की बजाय 6 अंक ही मिलेंगे। इससे उनकी मेरिट प्रभावित होगी और नियुक्ति की संभावना भी कम हो जाएगी। सुरेंद्र, आशीष और सिच्चदानंद जैसे हजारों अभ्यिर्थयों ने सरकार से वेबसाइट में जरूरी संशोधन करते हुए श्रेणी का कॉलम भी शामिल करने की मांग की है

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